पालमपुर: अपनी मांगों को लेकर सरकार के अड़ियल रवैये के प्रति अपना रोष जताने को लेकर करुणामूलक संघ 23 जुलाई को पालमपुर में महा आक्रोश रैली करने जा रहा है। यह रैली होली कला मंच से ठीक 11 बजे आरंभ होगी ओर पुलिस स्टेशन पालमपुर व सिविल हॉस्पिटल से होकर एसडीम कार्यालय पालमपुर तक जाएगी ओर एसडीम कार्यालय के बाहर विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा जो 3 बजे तक चलेगा।
प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि करुणामूलक संघ 357 दिन से राजधानी शिमला में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठा है। इतना समय होने के बावजूद सरकार के अडियल रवैये को देखकर करुणामूलक आश्रितों में काफी रोष है। उन्होंने कहा कि सरकार के गलत नीतियों को अब जन आंदोलन के जरिये संघ जनता के समक्ष उठाने के लिए तैयार हो चुका है और रैली के माध्यम से संघ बताएगा कि सरकार करुणामूलक आश्रितों को पिछले एक साल से नजरंदाज कर रही है।
प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि सरकार जब तक क्लास-सी व अन्य मांगों को लेकर कोई फैंसला नहीं लेती है तो हर जिले से सरकार के खिलाफ करुणामूलक संघ हल्लाबोल करेगा और इसका खामियाजा प्रदेश सरकार को आने बाले विधान सभा चुनावों में भूकतना पड़ सकता है। वहीं अगर सरकार आगामी कैबिनेट में इन सब मांगों को लेकर मोहर लगाती है तो धन्यवाद यात्रा से फैसले का स्वागत किया जाएगा।
अजय कुमार का कहना है कि करुणामूलक आश्रितों की ओर से विधानसभा उपचुनाव में 4-0 की हार से सरकार को सबक मिल चुका है लेकिन अभी भी सरकार के पास समय है। अगर सरकार जल्द फैसला नहीं लेती है तो करुणामूलक परिवार सड़क पर उतरने के लिए तैयार हो चुके है जिसकी पहली झलक पालमपूर में सरकार को देखने को मिल जाएगी। उन्होंने करुणामूलक आश्रितों से भी निवेदन किया कि पूरे प्रदेश भर के आश्रित इस रैली में पहुंचे और अपने हकों की लड़ाई में करुणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश का साथ दें।
यह है मुख्य करुणामूलक संघ की मुख्य मांगें
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों व यूनिवर्सिटी में लंबित पड़े क्लास-सी के करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों छठे वेतन आयोग में छूठ देकर को जो 7/03/2019 की पॉलिसी में आ रहे हैं उनको वन टाइम सेटलमेंट के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियां दी जाएं ।
2) क्लास -डी में जीतने भी मामले विभागों, बोर्डों और निगमों के पेंडिंग वित विभाग के पास फंसे है उन्हे जल्द कैबिनेट में लाकर मोहर लगाई जाए।
3) पॉलिसी में संशोधन किया जाए व 62500 एक सदस्य सालाना शर्त को हटाई जाए ।