हमीरपुर,15 जनवरी(TSN)-सुजानपुर में सर्व कल्याणकारी ट्रस्ट द्वारा आयोजित सेना दिवस समारोह देशभक्ति और समाजसेवा की भावना से ओत-प्रोत रहा।यह आयोजन न केवल वीर सैनिकों और उनके परिवारों के सम्मान में था, बल्कि देश की सुरक्षा में उनके बलिदान और योगदान को याद करने का एक भावपूर्ण अवसर भी था।इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।समारोह की अध्यक्षता रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल ने की, जबकि कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर उपस्थित थे।
सेना दिवस की महत्ता पर बात करते हुए सर्व कल्याणकारी ट्रस्ट के अध्यक्ष अभिषेक राणा ने कहा कि यह दिन भारतीय सेना और उसके वीर सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक विशेष अवसर है।यह दिन न केवल उनके अदम्य साहस और त्याग का प्रतीक है,बल्कि युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी एक आदर्श है।उन्होंने ट्रस्ट की गतिविधियों और भावी कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि संस्था इस पथ पर मजबूती से आगे बढ़ती रहेगी।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
इस आयोजन में राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक विपिन परमार, धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा,बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल,हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा,भरमौर के विधायक डॉ.जनकराज, बल्ह के विधायक इंदर सिंह,पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग,पूर्व विधायक रवि ठाकुर,पूर्व विधायक केएल ठाकुर,पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान, पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री, पूर्व विधायक कमलेश कुमारी, पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर,पूर्व विधायक मनोहर धीमान, कारगिल के हीरो ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर, और सेना के कई रिटायर्ड अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
हमारे सैनिकों पर हमें गर्व: राजेंद्र राणा
सर्व कल्याणकारी ट्रस्ट के संस्थापक और पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने इस मौके पर कहा, “सेना दिवस उन सभी वीरों को समर्पित है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सैनिकों की भूमिका केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है,बल्कि समाज में भी उनकी प्रेरक उपस्थिति का बड़ा महत्व है।हिमाचल की धरती वीरभूमि है,जिसने देश को चार परमवीर चक्र विजेता दिए हैं।प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा दी हिमाचल के वीर भूमि से ही थे।यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके बलिदानों को हमेशा याद रखें और उन्हें समाज के लिए प्रेरणा बनाएं।यह दिन हमें यह सिखाता है कि समाज में अनुशासन और सेवा का महत्व कितना बड़ा है।
हिमाचल के हर घर की दीवारों पर लिखा है वीरता का इतिहास: जयराम ठाकुर
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने भाषण में कहा, “हिमाचल की धरती पर वीरता का इतिहास हर घर की दीवारों पर लिखा है।हमारे सैनिक सिर्फ सीमा की सुरक्षा नहीं करते,बल्कि समाज के हर कोने में अनुशासन,कर्तव्य और समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।सेना दिवस हमें यह याद दिलाता है कि देश की आजादी और अखंडता के पीछे इन्हीं वीरों का त्याग और बलिदान है।सर्व कल्याणकारी ट्रस्ट ने इस आयोजन के माध्यम से जो संदेश दिया है,वह समाज को सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है।”
हिमाचल सैनिकों का घर: अनुराग ठाकुर
सांसद अनुराग ठाकुर ने उत्साहपूर्ण भाषण में कहा,”सेना दिवस सिर्फ एक दिन नहीं,बल्कि सैनिकों की अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करने का अवसर है।हिमाचल प्रदेश का हर घर सैनिकों का घर है और यह राज्य देश की रक्षा के लिए हमेशा अग्रणी रहा है।सर्व कल्याणकारी ट्रस्ट का यह प्रयास अनुकरणीय है,जो न केवल सैनिकों का सम्मान करता है,बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता है।”
सैनिकों की बदौलत देश की सरहद सुरक्षित:रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल ने कहा,”सैनिक केवल एक वर्दीधारी नहीं,बल्कि एक विचार है,जो समाज में साहस, अनुशासन और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है।सेना दिवस का यह आयोजन हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने सैनिकों का आभार मानना चाहिए,वह देश के लिए हर दिन खड़े रहते हैं।”
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और वीरता का सम्मान
कार्यक्रम में हिमाचल पुलिस के आर्केस्ट्रा दल हार्मनी ऑफ पाइन ने देशभक्ति गीतों की शानदार प्रस्तुति दी,जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके अलावा,वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। सेना पदक विजेता कैप्टन ज्योति प्रकाश के नेतृत्व में भव्य मार्च पास्ट हुआ,जिसमें पूर्व सैनिकों ने अनुशासन और गर्व का प्रदर्शन किया।
कर्नल भूपेंद्र शाही ने पूर्व सैनिकों की ओर से अपने विचार रखते हुए कहा,”सेना दिवस सैनिकों के योगदान और बलिदान को याद करने का एक अवसर है।
हजारों की संख्या में पूर्व सैनिक,महिलाएं और पुरुष इस आयोजन में शामिल होकर इसकी गरिमा को और बढ़ा गए। यह आयोजन न केवल सैनिकों के बलिदानों को सम्मानित करने का,बल्कि समाज में उनके योगदान को उजागर करने का एक सफल प्रयास रहा।