राहुल चावला,कांगड़ा मंदिर(TSN)-कांगड़ा के ब्रजेश्वरी धाम मंदिर में आज से दो दिवसीय जिलास्तरीय घृत मंडल फेस्टिवल का शुभारंभ हो गया है,इस पर्व के ख़ास मौके पर आज देश प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने आकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं,इस पर्व को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से क्या कुछ इंतजाम किए गए हैं और श्रद्धालु भक्तों में कैसा उत्साह देखने को मिल रहा है देखिए हमारी इस ख़ास रिपोर्ट में .
ये तस्वीरें देवभूमि हिमाचल के मशहूर शक्तिपीठ मां बजरेश्वरी देवी के कांगड़ा स्थित नागरोट धाम की हैं जहां आज मां के दरबार में तिल धरने तक को जगह नहीं मिल रही और ये नज़ारा आज से शुरू हो रहे मां भगवती के दो दिवसीय जिलास्तरीय घृत पर्व के ख़ास मौके को लेकर हैं,दो दिन चलने वाले इस मेले को लेकर जहां श्रद्धालु भक्तों में आस्था का जोश और उत्साह देखा जा रहा है तो वहीं प्रशासन की ओर से भी मेले में कोई चूक न हो इसको लेकर खासे इंतज़ाम किए गए हैं,कांगड़ा के SDM इशांत जसवाल ने बताया कि प्रशासन ने इस पर्व को सफल बनाने के लिए हर लिहाज़ से सुरक्षा और सहूलियत के इंतजाम किए हैं,क्योंकि पर्व के दौरान दो बड़ी सांस्कृतिक संध्याएं भी आयोजित होंगी इसलिए श्रद्धालु भक्तों की पार्किंग,खाने पीने और रहने के लिए हर तरह के इंतज़ाम किए हैं.
आज भी मंदिर में ये प्रथा सदियों से चली आ रही
मंदिर न्यास के सदस्य और पुजारी सदन शर्मा ने बताया कि जब देवासुर संग्राम हुआ था तब मां भगवती को जो घाव आए थे उस दौरान देवताओं ने मां भगवती को माखन का लेप लगाया था परम्परा के निर्वहन हेतु आज भी मंदिर में ये प्रथा सदियों से चली आ रही है उसी का निर्वहन करते हुए हर साल मकर संक्रांति के दिन मां की मूर्ति पर 25 से 30 क्विंटल माखन का लेप लगाया जाता है जो कि शाम को शुरू होकर सुबह तक चलता है, उन्होंने कहा कि श्रद्धालु भक्त आस्था के मुताबिक शुद्ध देसी घी देकर जाते हैं उन्हें 101 बार शीतल और शुद्ध जल से धोकर माखन बनाया जाता है और वहीं माखन मकर संक्रांति के दिन चढ़ेगा और अगले सोमवार को उतारकर इसे भक्तजनों में बांट दिया जायेगा, इससे पुराने से पुराना चरम रोग भी दूर हो जाता है.तो वहीं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आए भक्त अश्वनी शर्मा ने बताया कि साल के एक बार में ये पर्व आयोजित किया जाता इसके लिए हम हर साल यहां आते हैं,उत्तर प्रदेश की रहने वाली रेखा ने बताया कि पहली बार ही वो यहां आई हैं और मां के दर्शन करके उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है ,वहीं उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले महावीर ने बताया कि वो एक बार नहीं अनेक बार आए हैं मगर पहली बार वो पैदल ही आए थे उसके बाद दो बार पैदल आए और पहली बार 21 दिन में पहुंचे उसके बाद फिर समय कम होता गया
काबिलेगौर है कि इस साल प्रशासन और न्यास इसे राज्यस्तरीय घृत पर्व के तौर पर मना रहा है और आज जहां भजन सम्राट लखविंदर सिंह लक्खा सांस्कृतिक संध्या में बतौर स्टार सिंगर अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे तो वहीं कल हंस राज रघुवंशी अपने भजनों से भक्तों को निहाल करेंगे