Shimla, 2 October –हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक शिमला का कालीबाड़ी मंदिर विजयदशमी के दिन रंगों और भक्ति से सराबोर हो उठा। इस अवसर पर बंगाली परंपरा के अनुसार सिंदूर की होली खेली गई। विवाहित महिलाओं ने मां दुर्गा को विदाई देने से पहले सिंदूर चढ़ाया और नृत्य के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
छठे नवरात्र से मंदिर में मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। लगातार नौ दिनों तक माता की पूजा-अर्चना होती है और दशमी के दिन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। इससे पहले मां की विदाई ‘सिंदूर की होली’ के साथ की जाती है।आज के कार्यक्रम में महिलाओं ने परंपरागत तरीके से सिंदूर की होली खेली और मां दुर्गा को विदाई दी। इस मौके पर बंगाली महिलाओं ने नृत्य प्रस्तुत कर वातावरण को और भी भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बना दिया।
महिलाओं ने बताया कि “सिंदूर की होली”विजयदशमी पर होने वाला एक पारंपरिक बंगाली उत्सव है। इसमें विवाहित महिलाएँ मां दुर्गा को सिंदूर चढ़ाकर सौभाग्य, खुशहाली और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। यह रस्म समाज में एकता और सौहार्द का प्रतीक भी मानी जाती है।