चिंतपूर्णी,विकास शर्मा-चिंतपूर्णी में रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ है।शुक्रवार को चिंतपूर्णी के माधो दा टिल्ला में रोपवे के प्रस्तावित टावर के लिए जॉइंट इंस्पेक्शन की गई।इस इंस्पेक्शन में पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सियन दिनकर शर्मा,मंदिर न्यास के एसडीओ आरके जसवाल और आरटीडीसी(रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम एंड डेवलपमेंट) मैनेजर अजेन अनंत शामिल थे।
जॉइंट इंस्पेक्शन का उद्देश्य जॉइंट इंस्पेक्शन का मुख्य उद्देश्य रोपवे के प्रस्तावित टावर की जगह का निरीक्षण करना था। पहले स्थान पर रोपवे की एलाइनमेंट सेट कर दी गई थी, लेकिन अब मंदिर न्यास द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग के माध्यम से प्रस्तावित जगह पर कम्युनिटी हाल बनाया जा रहा था।
स्थानीय लोगों का विरोध:
इस मौके पर चिंतपूर्णी के स्थानीय व्यापार मंडल और पुजारी वर्ग के लोग भी पहुंचे और उनके द्वारा रोपवे के टावर को लेकर विरोध जताया गया।उनका कहना था कि यह जमीन शौचालय निर्माण व कम्युनिटी हॉल के लिए दी गई है,रोपवे का टावर नहीं लगने दिया जाएगा।
आरटीडीसी के डीजीएम का बयान
आरटीडीसी के डीजीएम मनीष साहनी ने बताया कि जॉइंट इंस्पेक्शन की गई क्योंकि रोपवे का सर्वे पहले हो चुका था। इसकी एलाइनमेंट में बदलाव नहीं किया जा सकता है।उन्होंने यह भी बताया कि रोपवे लगाने का फैसला सरकार द्वारा किया गया है और यह ट्रिपल पी मॉडल पर बनेगा,जिसमें 75 करोड़ की राशि खर्च होगी। यह सिर्फ एक ट्रांसपोर्टेशन का जरिया है,जिसमें पैसे खर्च करके लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और स्थानीय चिंतपूर्णी के व्यापारियों की समस्याओं को भी सुना जाएगा.