शिमला | हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के राज्य कमला नेहरू अस्पताल में शुक्रवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला जब . KNH अस्पताल में दंपति ने प्रेगनेंसी के बिना ही जुड़वा बच्चों पैदा होने के बाद गायब होने के आरोप लगाए है।उन्होंने जुड़वा बच्चों के पैदा होने का दावा किया साथ ही उनके मरने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा दफनाने के गंभीर आरोप लगा दिए। मंडी के दंपत्ति तेजेंद्र और निर्मला ने आरोप लगाया कि उनके जुड़वा बच्चे पैदा हुए, लेकिन पैदा होते ही मर गए. लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ने बिना अनुमति के उन्हें दफना दिया और न तो नवजात बच्चों की बॉडी परिवार को दी गई और रिकॉर्ड भी गायब कर दिया.इन आरोपों के बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई।सुबह 10:15बजे से अस्पताल में शुरू हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा लगभग रात 11 बजे के बाद तक चला।इन 12 घण्टों से अधिक समय तक पूरे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल बना रहा
.मामले को सूचना मिलते ही शाम को पुलिस भी मौके पर पहुंची और अस्पताल प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर CCTV फुटेज खंगाली, जिसमें एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ.मंडी का दंपति शुक्रवार सुबह 10:15 बजे KNH अस्पताल पहुंचा। उसके बाद CCTV में नजर आया कि महिला पूरे अस्पताल में तेजी से चलती हुई नजर आ रही थी. इससे यह साफ पता चल रहा था कि वह प्रेग्नेंट नहीं हैं. वह अपने पति के साथ अस्पताल में घूमती हुई नजर आई. अस्पताल प्रशासन की ओर से किए गए टेस्ट में भी महिला का प्रेग्नेंसी टेस्ट निगेटिव आया। इसके बाद महिला को आगे की जांच के लिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल भेजा गया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अब वे इस दंपत्ति पर मानहानि का मुकदमा करेंगे. यह पूरा मामला अस्पताल की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
निर्मला की सास ने कहा कि उनकी बहू ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पहले गत माह 28 तारीख को डिलीवरी का समय दिया फिर उसके बाद आज शुक्रवार 20 जून के समय दिया था।उन्होंने कहा आज सुबह बहु की अस्पताल में डिलीवरी हुई।बहु ने बेटा और बेटी को जन्म दिया था।उन्होंने कहा कि उन्होंने मोबाइल में बच्चों का फोटो भी देखा था अब वह डिलीट हो गयी।उन्होंने कहा कि बच्चों के मृत होने की उन्हें सूचना मिली।अगर बच्चे मृत भी हो गए तो उनकी डेड बॉडी दी जाए।उन्होंने कहा कि । सास ने बताया कि निर्मल के सात आठ बार एबॉर्शन भी हुए थे इस कारण वह डिलिवरी के लिए KNH आये थे।उन्होंने कहा कि अब उन्हें अब अपने बच्चे चाहिए।
निर्मला के जीजा विनोद रघुवंशी ने कहा कि वह दाड़लाघाट में रहते हैं। उन्हें फोन आया कि उनकी साली की डिलीवरी हुई है और जुड़वा बच्चे हुए हैं। वही एक बार फिर फोन आया कि बच्चों की डेथ हो गई है उनके गले में फोड़े थे। फिर उन्होंने कहा कि अगर डेथ हो गयी तो बच्चों की डेड बॉडी सौंप दी जाए। उन्होंने कहा कि निर्मला देवी का अस्पताल के पास कोई भी रिकॉर्ड नहीं है यहां तक की सारी फाइल ही गायब कर दी है। विनोद रघुवंशी ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल ने सारे फाइल व कागज गुम कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है और मामले की जांच कर रही है।पुलिस से मांग की है कि अगर उनके बच्चों की मृत्यु भी हो गयी है तो उनकी डेड बॉडी उन्हें सौंप दी जाए उन्होंने कहा कि निर्मला का टेस्ट करवाया जाए की निर्मला की डिलीवरी हुई है कि नहीं टेस्ट के माध्यम से साफ पता चल जाएगा कि वह प्रेग्नेंट थी या नहीं।
अस्पताल के MS सुरिंदर नेगी ने निर्मला देवी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है।दंपति द्वारा मनघड़ंत कहानी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि निर्मला देवी के आरोपों के बाद अस्पताल प्रबंधन अपने रिकॉर्ड खंगाले और पाया कि इस नाम की कोई भी महिला 20 तारीख को अस्पताल में एडमिट नहीं हुई है जिस महिला का एडमिशन नहीं हुई उस महिला की डिलीवरी संभव नही है।इस सारे वाक्य के बाद उन्होंने कहा कि कल देर रात को निर्मला देवी का दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में चेकअप भी करवाया गया। उनकी जो मेडिकल रिपोर्ट आई है वह नेगेटिव है उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में साफ आया है कि वह कभी प्रेग्नेंट नहीं थी रिपोर्ट में साफ है कि किसी प्रकार की प्रेगनेंसी नहीं थी उन्होंने कहा कि इस महिला के 5 और 6 अबॉर्शन भी हुए हैं । जानकारी के मुताबिक महिला इनफर्टिलिटी का इलाज भी करवा रही थी वहीं उन्होंने कहा कि जो प्रेगनेंसी टेस्ट होता है वह दो दिन तक पॉजिटिव होता है जबकि निर्मला का प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आया है ।CCTV में साफ झलक रहा है कि महिला तेजी से अस्पताल के चक्कर लगा रही है।वह जुड़वा बच्चों का दावा जो कर रही है तो कोई भी प्रेग्नेंट महिला इस स्थिति में इस तरह नही चल सकती।उन्होंने कहा कि इन्होंने अस्पताल की छवि को बदनाम करने की कोशिश की है जिसके खिलाफ अस्पताल प्रशासन पुलिस व ऑफिसियल रिपोर्ट के बाद मामला दर्ज करवाएंगे