मंडी | छोटी काशी मंडी के 159 साल पुराने ऐतिहासिक बिजय स्कूल का भवन बारिश के पानी के कारण खतरे की जद में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। इस ऐतिहासिक भवन का हालही में एडीबी के माध्यम से 6 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार किया गया है। लेकिन छत से गिरने वाले बारिश के पानी के लिए डाउन पाइप नहीं लगाए गए हैं। जिस कारण यह पानी नीचे टपक कर लकड़ी के स्तम्भों को खराब करता जा रहा है। इस स्कूल के पूर्व छात्रों ने जब इस समस्या को देखा तो एडीएम मंडी को ज्ञापन सौंपकर तुरंत प्रभाव से यहां डाउन पाइप लगाने की मांग उठाई है। पूर्व छात्र नीरज हांडा, चंद्रशेखर वैद्य, राणा, सतीश, ओपी कपूर और अन्य ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक ईमारत है और इसका सही ढंग से संरक्षण किया जाना चाहिए। एक डाउन पाइप लगाने से बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी और इसपर अधिक खर्च भी नहीं आएगा। इन्होंने प्रशासन से मांग उठाई है कि इस कार्य को जल्द से जल्द किया जाए ताकि लकड़ी के स्तम्भों को खराब होने से बचाया जा सके। यदि इन्हें समय रहते नहीं बचाया गया तो फिर भविष्य में यह जर्जर हो जाएंगे और भवन को खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
1866 में बना है बिजय स्कूल का यह ऐतिहासिक भवन
विजय हाई स्कूल के भवन का निर्माण 1866 में मंडी के तत्कालीन राजा विजय सेन ने करवाया था। यह भवन काठकुनी वास्तुकला का अद्भुत नमूना पेश करता है। भवन को देखते ही प्राचीन भवनों की याद ताजा हो जाती है। पहले यह एक मिडल स्कूल था। 1921 में इसे हाई स्कूल में स्तरोन्नत किया गया। वर्ष 1998 तक इस इमारत में कक्षाएं लगती रही। नया भवन बनने के बाद इसका इस्तेमाल बंद कर दिया गया। हालही में इसका जीर्णोद्धार हुआ तो अब यहां प्राइमरी स्कूल की कक्षाएं अस्थाई तौर पर चल रही हैं। भविष्य में यहां लाइब्रेरी आदि बनाने की योजना पर काम चल रहा है।