ऊना | हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अवैध माइनिंग एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। जब कोई पार्टी विपक्ष में होती है, तो अवैध खनन के मुद्दे पर जमकर राजनीति करती है। जिला ऊना की स्वां नदी, जो लगभग 40 किलोमीटर क्षेत्र में फैली है, से निकलने वाले खनिज पदार्थों से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। हालांकि, पिछले काफी समय से इस नदी में अवैध माइनिंग जोरों पर है, जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और नदी की हालत भी बदतर होती जा रही है।
सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी बार-बार विधानसभा के अंदर अवैध माइनिंग का मुद्दा उठा रही है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इसका कोई ठोस असर देखने को नहीं मिल रहा। ऊना सदर से बीजेपी विधायक सतपाल सत्ती ने आज संतोषगढ़ क्षेत्र की स्वां नदी में जाकर अवैध माइनिंग की स्थिति का निरीक्षण किया। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी उनके साथ मौजूद रहे। मौके की तस्वीरों से साफ दिखाई दे रहा था कि नदी में कई जगह गहरे खड्डे बना दिए गए हैं, जिनमें पानी भरा हुआ है। इसके अलावा करोड़ों की लागत से किए गए चैनलाइजेशन कार्य को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
विधायक सत्ती ने बताया कि स्वां नदी से अवैध रूप से माइनिंग मटेरियल को मैकेनिकल उपकरणों की मदद से उठाया जा रहा है और फिर टिप्परों के माध्यम से पंजाब भेजा जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आम नागरिक यदि अपने घर के लिए थोड़ी सी रेत ले जाए तो उस पर चालान कर दिया जाता है, जबकि बड़े पैमाने पर मटेरियल की ढुलाई पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं द्वारा माफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है और इस अवैध कारोबार से होने वाली मोटी कमाई का हिस्सा उन्हें पहुंचाया जाता है।
सतपाल सत्ती ने यह भी आरोप लगाया कि संतोषगढ़ में अवैध माइनिंग के साथ-साथ सट्टा, शराब, लॉटरी और यहां तक कि देह व्यापार जैसी गतिविधियां भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि लॉटरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिस कर्मचारियों को बंधक बनाया गया था, जिन्हें एसपी ने छुड़ाया। हैरानी की बात यह रही कि बंधक बनाने वालों को उसी शाम जमानत मिल गई। सत्ती ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते अवैध माइनिंग पर कार्रवाई नहीं की, तो स्वां नदी पर बने पुलों को भी खतरा हो सकता है। उन्होंने घालुवाल पुल को इसका उदाहरण बताया।
उन्होंने सरकार से मांग की कि वह तुरंत अवैध माइनिंग करने वालों पर शिकंजा कसे। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि आने वाले दिनों में वे घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे और अवैध गतिविधियों में लिप्त तथा उन्हें संरक्षण देने वालों की पोल खोलेंगे।