Hamirpur, 15 October-:विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उस हालिया निर्णय की सराहना की है, जिसमें न्यायालय ने राज्य सरकार, उपायुक्तों और मंदिर अधिकारियों को मंदिरों के दान को सरकारी खजाने में जमा करने या सामान्य विकास कार्यों में उपयोग करने से रोक दिया है।
विहिप के प्रदेश सह मंत्री पंकज भारतीय ने हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय का यह फैसला हिंदू आस्था और परंपराओं की रक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि मंदिरों का संपूर्ण नियंत्रण पुनः सनातनी समाज के हाथों में दिया जाना चाहिए, न कि सरकारी स्वामित्व वाले ट्रस्टों के अधीन रखा जाए।पंकज भारतीय ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित कुछ मंदिर ट्रस्टों में धन के दुरुपयोग और गैर-सनातनी लोगों को प्राथमिकता देने के मामले सामने आए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि श्री ज्वाला जी मंदिर में गैर-सनातनी नियुक्तियों और बाबा बालक नाथ मंदिर देओट्सिध में भ्रष्टाचार जैसे मामलों ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया है।उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस विषय पर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगी ताकि मंदिरों के संसाधनों का उपयोग केवल धार्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए ही हो सके। पंकज भारतीय ने कहा कि हिंदू मंदिरों का धन श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है, उसका किसी भी प्रकार का दुरुपयोग विश्वासघात के समान है।